रविवार, फ़रवरी 28, 2010

सुनलो नेहरु चाचा -- सुजान पंडित


भेज रहा हूँ तुमको ईमेल, सुनलो नेहरु चाचा|
बहुत जरुरत है तुम्हारी, हम बच्चों को चाचा||

१) तुमने कहा था बच्चे कल के भारत की तस्वीर है|
होगा नया सवेरा इनसे जागेगा तक़दीर है||
लेकिन हम तो ठगे गए तुम झूठे हो गए चाचा ---
बहुत जरुरत है तुम्हारी, हम बच्चों को चाचा ---

२) कुरसी तुम्हरी बन गयी है आज म्यूजिकल चेयर|
टोपी कुर्ता खादी के पर कोई नहीं है फेयर||
शर्म आती है कहने में अब चाचा को भी चाचा ---
बहुत जरुरत है तुम्हारी, हम बच्चों को चाचा ---

३) एक बार तुम आओ या हम बच्चों को बुलालो|
भटक रहे हैं अपने पथ से तुम ही हमें सम्हालो||
पुस्तक बैग में है लेकिन पॉकेट में गोली चाचा ---
बहुत जरुरत है तुम्हारी, हम बच्चों को चाचा ---

प्रकाशित : १४ नवम्बर २००९ - rachanakar.blogspot.com

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