यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है|
कुरसी हो गयी मैली उसको गंगाजल से धोना है||
कुरसी हो गयी मैली उसको गंगाजल से धोना है||
१. तन पर होंगे खादी, बोली मिस्री सी होगी मीठी|
शुभचिंतक बन साथ रहेंगे, जब तक कुरसी नहीं मिलती||
जौहरी बनकर चुनना होगा, हमको खांटी सोना है ---
यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है ---
शुभचिंतक बन साथ रहेंगे, जब तक कुरसी नहीं मिलती||
जौहरी बनकर चुनना होगा, हमको खांटी सोना है ---
यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है ---
२. जेपी, लोहिया, मौलाना का रूप सजाकर आयेंगे|
उनके उपदेशों की सीडी, रिमिक्स कर बजवाएंगे||
लेकिन इन बहुरूपियों पर हम सबको फ़िदा न होना है---
यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है---
उनके उपदेशों की सीडी, रिमिक्स कर बजवाएंगे||
लेकिन इन बहुरूपियों पर हम सबको फ़िदा न होना है---
यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है---
3. होशियारी हो अब इतनी कि, शाख पे उल्लू न बैठे|
देख चुके अंजामें गुलिस्ताँ, फिर से गुलों को न लूटे||
पाक साफ माली से अपने गुलशन को संजोना है ---
यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है ---
देख चुके अंजामें गुलिस्ताँ, फिर से गुलों को न लूटे||
पाक साफ माली से अपने गुलशन को संजोना है ---
यारों फिर से सावन आया, सोच समझ कर बोना है ---
प्रकाशित : ३१ अक्टूबर २००९ - rachanakar.blogspot.com
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