मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ||
चौराहों पर सुबह सुबह, फ़िल्मी गाने बजने लगे |
खादी की टोपी कुरता से, नेताजी सजने लगे ||
पिछले भाषण के पन्ने में पैच लगाया रे ---
मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ---
गुडमोर्निंग नहीं आज बोलना, जयहिन्द से विश करना है |
असली चेहरा छुपा रहे, रंग में ऐसे रंगना है ||
नौटंकी के मंझे खिलाडी, जन-गण गाया रे ---
मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ---
तिरसठ साल से सुपर पवार के कैसेट बजाते हैं |
झंडे बेच के कुछ बच्चे, रोटी आज भी खाते हैं ||
ख्वाबों में जीने वालों ने ख्वाब सजाया रे ---
मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ---
चौराहों पर सुबह सुबह, फ़िल्मी गाने बजने लगे |
खादी की टोपी कुरता से, नेताजी सजने लगे ||
पिछले भाषण के पन्ने में पैच लगाया रे ---
मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ---
गुडमोर्निंग नहीं आज बोलना, जयहिन्द से विश करना है |
असली चेहरा छुपा रहे, रंग में ऐसे रंगना है ||
नौटंकी के मंझे खिलाडी, जन-गण गाया रे ---
मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ---
तिरसठ साल से सुपर पवार के कैसेट बजाते हैं |
झंडे बेच के कुछ बच्चे, रोटी आज भी खाते हैं ||
ख्वाबों में जीने वालों ने ख्वाब सजाया रे ---
मैली कुरसी में नूतन, कवर चढ़ाया रे ---
प्रकाशित : २६ जनवरी २०१० - rachanakar.blogspot.com
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