सोमवार, मार्च 01, 2010

मौसम सुहाना आया रे -- सुजान पंडित

मौसम सुहाना आया रे-
पूनम का चंदा नीले गगन पर,
दूल्हन सा रूप लाया रे--

१) छेड़े मुरली की तान कोई बन में।
गाए कोयलिया सप्त सुरन में॥
कली कुसुम महक उठे, पंक्षी भी चहक उठे,
फूलों में रंग आया रे--
मौसम सुहाना आया रे-

२) देखो तारों की रात गा रही है।
चांदनी भी तो मुसका रही है॥
बरखा बहार लिए, सोलह श्रृंगार किए
श्रृतुओं का राजा आया रे--
मौसम सुहाना आया रे-

प्रकाशित : २९ सितम्बर २००७ - rachanakar.blogspot.com/
                Sangeet Monthly Magazine (Hathras)

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