सोमवार, मार्च 01, 2010

माँ शारदे शरमा गयी -- सुजान पंडित

आज अचानक धरती पर, माँ शारदे आ गयी |
पंडालों में अपनी पूजा, देख के खुद शरमा गयी ||

गली-गली में लाउडस्पीकर, चोली के पीछे सुना रहा |
धुन पर मस्त मगन हो लड़के, लकवा डांस दिखा रहा ||
ऐसे भक्तों की भक्ति से, देवी माँ कुम्हला गयी ----
पंडालों में अपनी पूजा, देख के खुद शरमा गयी ----

घर-घर से चंदे की उगाही, करके देवी लाये हैं |
मंहगाई चाहे हो जितनी, सस्ते में निपटाए हैं ||
पूजा सफल हुई विद्या की, बोनस में लक्ष्मी आ गयी ---
पंडालों में अपनी पूजा, देख के खुद शरमा गयी ----

राग-रागिनी लंगड़ी हो गयी, ताल हो गए अंधे |
वीणा मौन खड़ी है उनके, सरगम हो गए गंदे ||
कला की देवी की अस्मत, अपनों के बीच लुटा गयी ---
पंडालों में अपनी पूजा, देख के खुद शरमा गयी ---
प्रकाशित : १९ जनवरी २०१० - rachanakar.blogspot.com

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